कोरोना और कैलीफ़ोर्निया

अमेरिका का हाल-कैलिफ़ोर्निया में कोरोना 

विसंगतियों से भरा अमेरिका का सबसे बड़े प्रान्त कैलिफ़ोर्निया 

-अशोक ओझा  

मंगलवार, 16 जून: 

हॉलीवुड, सिलिकन वैली, रोनाल्ड रेगन, स्वाजनैगर, कमला हैरिस… इन सब नामों का सम्बंध किस प्रदेश है? यदि यह प्रश्न आपसे पूछा जाय तो आप झट से कहेंगे - कैलिफ़ोर्निया!  

जी हाँ, अमेरिका का सब से बड़ा प्रांत कैलिफ़ोर्निया अति विसंगतियों और विरोधाभासों से जुड़ा है। अमीरी - ग़रीबी की भयानक खाई यहाँ देखी जा सकती है। चमक दमक से भरपूर हॉलीवुड की जननी लॉस ऐंजल्स चले जाइए जहाँ सड़क किनारे रहते हैं हज़ारों बेघर अमेरिकावासी-उनके आश्रय, उनके घर, उनके तम्बुओं की मिलों लम्बी क़तारें ग़रीबी के अमेरिकी संस्करण से साक्षात्कार कराती हैं । 

कैलिफोर्निया की इकॉनमी तीन ट्रिलियन की है। वहाँ की आबादी लगभग 40 मिलियन है। इसका क्षेत्रफल चार लाख किलोमीटर में फैला है। कैलिफ़ोर्निया के 47 प्रतिशत लोग हिस्पानिक समुदाय के अश्वेत हैं, इस कारण वहाँ स्पैनिश भाषा का बड़ा महत्व है, द्वितीय भाषा के रूप में उसका सम्मान किया जाता है । 

अगर  कैलिफ़ोर्निया एक देश होता तो दुनिया की पाँचवी बड़ी अर्थव्यवस्था कहलाता; चौंतीसवाँ सर्वाधिक  घनी आबादी वाला देश होता। लॉस एंजेल्स अमरीका का दूसरे नम्बर का (पहला न्यू यॉर्क) और सन फ्रांसिस्को अमरीका का पांचवा सबसे घनी आबादी वाला शहर है। 

उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ में कैलिफ़ोर्निया मैक्सिको में हुआ करता था। 1846-48 के मैक्सिकन-अमेरिकी युद्ध के बाद मैक्सिको को कैलिफ़ोर्निया से वंचित कर दिया गया। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के  इकतीसवें  प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आया। उन्हीं दिनों यानी 1848 में वहां सोना मिलने का दौर यानी 'गोल्ड रश' का दौर शुरू हुआ। लेकिन उससे  कुछ लोग ही अमीर  हुए, बाकी को निराशा ही हाथ लगी। सोना की लालच ने अमेरिका के अन्य प्रांतों और दुनिया भर से तीन लाख से अधिक लोगों को  कैलिफ़ोर्निया की तरफ़ आकर्षित किया, जिससे एक तरफ तो अमेरिका की अर्थ व्यवस्था में विस्तार हुआ, लेकिन दूसरी तरफ कैलिफ़ोर्निया के मूल निवासियों पर उसका प्रतिकूल असर पड़ा। वहां के मूल मूल निवासी यानी 'नेटिव अमेरिकन' आबादी को अनेक ज्यादतियों, जैसे, जबरन बेदखली, नरसंहार आदि का सामना करना पड़ा। 'नेटिव अमेरिकन' आबादी घटती चली गयी।बाद में चीनी आप्रवासियों का समावेश हुआ, जिनके प्रति भेदभाव का लम्बा सिलसिला चला। सन फ्रांसिस्को में सुप्रसिद्ध  'चाइना  टाऊन' का विकास इन्हीं आप्रवासियों के कारण हुआ। 1850 आते आते कैलिफ़ोर्निया सोने की खरीद-फरोख्त, आप्रवासियों के संख्या में वृद्धि के कारण एक समृद्ध प्रदेश के रूप में उभरा। 

लेकिन आज कैलिफ़ोर्निया में अमेरिका के सर्वाधिक बेघर लोग हैं, ज़रूरी नहीं कि वे सब बेरोजगार हों। बेघर लोगों में काफी बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो नौकरी तो करते हैं, लेकिन उनकी आय इतनी नहीं कि महंगे आवास में रह सकें। हॉलीवुड की जननी लॉस एंजेल्स में सड़क किनारे गुज़ारा करने वाले लोगों के तम्बुओं की मीलों लम्बी कतारें देखी जा सकती है। लॉस एंजेल्स महानगर में 66,433  लोग सड़क किनारे, मोटर गाड़ियों या रेन बसेरों में  जीवन बिताते हैं। 

आज यह प्रदेश कोरोना से जूझ रहा है। यहाँ  कोरोना पीड़ितों की संख्या डेढ़ लाख से ऊपर पहुँच चुकी  है, पांच हज़ार से ज्यादा कैलिफ़ोर्नियावासियों की जानें जा चुकी हैं! राज्य की आर्थिक गतिविधियों में नौ प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। वर्तमान तिमाही में राज्य में बेरोजगारी की दर 25 प्रतिशत तक पहुँच सकती है। 

कोरोना महामारी के कारण लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार और बेघर हुए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, लॉस एंजेल्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के प्रकोप के कारण लॉस एंजेल्स काउंटी (जिले) में बेघर परिवारों की संख्या में 36 हज़ार परिवारों की बढ़ोत्तरी हुई है।

हॉलीवुड की दो हस्तियों, रानल्ड रेगन और अर्नोल्ड स्वाजनेगर, के नाम अमेरिका की राजनीति से जुड़े हैं। रोनाल्ड रेगन, हॉलीवुड में अभिनेता थे, 1981 से 1989 तक अमेरिका के 40 वें राष्ट्रपति रहे । इसके पूर्व वे 1967 से 1975 तक वे कैलिफ़ोर्निया के 33 वें राज्यपाल  भी थे। रेगन के बाद स्वाजनेगर सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकारों में से हैं जो राजनीतिक सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते गए। हालां कि अनेक कारणों से वे विवादों में घिरे रहे हैं ।

 अमेरिका की सीनेटर कमला  हैरिस, जो कि भारतीय मूल की हैं, कैलिफ़ोर्निया की एटॉर्नी जनरल रह चुकी हैं। सीनेटर कमला हैरिस, हाल ही में हुए डेमोक्रेटिक  पार्ट  के प्रेसीडेंसीयल प्राइमरी में उम्मीदवार थीं। बाद में उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। वर्षों तक कैलिफ़ोर्निया में एटॉर्नी जनरल, रहने के बाद सन 2017 में जब कमला अमेरिकी सीनेट में चुन कर आयीं, वे अमेरिका के इतिहास में पहली भारतीय मूल की सीनेटर थीं, और दूसरी अश्वेत सीनेटर।  अपनी माँ श्यामला की तरह कमला भी नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने वाली एक सशक्त नेता के रूप में उभरीं। 

उत्तरी कैलिफ़ोर्निया के सन फ्रांसिस्को बे एरिया में ‘सिलिकॉन वैली’ ऐसा इलाका है, जिसे ‘हाई टेक’ का मक्का भी कह सकते हैं। सिलिकॉन वैली में प्राद्योगिकी  जगत के आधे बिलियनेयर  रहते हैं। यहाँ का प्रति व्यक्ति उत्पादन (जी डी पी) दुनिया भर में दूसरे नंबर पर है। अमेरिका के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में स्टैनफोर्ड का नाम है, जिसका कैम्पस ‘सिलिकॉन वैली’ के ‘पालो आल्टो’ नगर में स्थित है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने 83 नोबल पुरस्कार विजेताओं को जन्म दिया। यहाँ के व्यावसायिक उद्यमियों ने अनेक बड़ी कंपनियों को जन्म दिया जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला।

 आइए, अब हम आपकी मुलाक़ात स्टैनफोर्ड की हिंदी शिक्षक सोनिया तनेजा से करवाते हैं, और उन्हीं से सुनते हैं, कोरोना ने उनकी जीवन शैली, उनकी शिक्षण पद्धति में कैसा परिवर्तन किया है।

Ashok OjhaComment