अमरीका में लॉक डाउन खुल रहा है सहमे सहमे!

लगभग 11 सप्ताह पहले कोरोना वायरस महामारी को रोकने या कम करने के लिए अमेरिका में लॉक डाउन या  घर से  बाहर ना निकलने के सरकारी आदेश लागू हुए थे । आज अमेरिकी लोग घरों में बंद रहने का धैर्य खो चुके हैं। वे समुद्र तटों पर या पार्कों में खुली हवा का आनंद लेने को बेक़रार हैं। सभी 50 प्रांतों की सरकारों ने धीरे धीरे लॉक डाउन खोलने का सिलसिला प्रारम्भ भी कर दिया है, सावधानी बरतने की चेतावनी के साथ। लेकिन सरकारी अधिकारी आशंकित हैं कि लॉक डाउन खोलने के प्रयास में कहीं संक्रमण फिर से बढ़ने न लगे।

लॉक डाउन खोलने  की अफ़रा तफ़री के बीच आज गुरुवार, 21 मई को संक्रमित अमेरिका वासियों की कुल संख्या 15 लाख 74 हज़ार से ऊपर जा चुकी है, जब कि मृतकों की संख्या 94 हज़ार पार कर चुकी है ।संक्रमितों की सर्वाधिक संख्या न्यू यॉर्क प्रदेश में है-तीन  लाख 61 हज़ार से ज़्यादा । वहाँ संक्रमण से अब तक 28  हज़ार 663 लोग मृत हो चुके हैं  ।दूसरे नम्बर पर है न्यू जर्सी,  जहाँ नवीनतम आँकड़ों के अनुसार  संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख 51 हज़ार पार कर चुकी है, जब कि 10 हज़ार 843 संक्रमित लोग अपनी जान गवाँ चुके हैं । शिकागो शहर में 38 हज़ार लोग संक्रमित हैं, और एक हज़ार 700 मृत हो चुके हैं। देश के अनेक प्रांतों में कारागारों में बंद अपराधियों के बीच यह बीमारी ज़ोर शोर से फैली है। अनेक जेल अधिकारी भी संक्रमित हुए हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं कि बीमारी उन तक पहुँची तो कैसे? देश के कारागारों में संक्रमित लोगों की संख्या 44 हज़ार बताई जा रही है। कैन सास और वाशिंगटन प्रदेशों के कई कारागारों में तो क़ैदियों ने दंगे किए, पता नहीं कितनों तक यह बीमारी पहुँची।

अपने सौंदर्य और चमक दमक के लिए पहचाने जाने वाले शॉपिंग माल खुलने लगे हैं। वाल मार्ट में प्रवेश करने वाले ग्राहकों के लिए 6 फीट की दूरी बनाये रखने का नियम अनिवार्य कर दिया गया है। स्टोर में सामान्य दिनों की अपेक्षा सिर्फ एक तिहाई ग्राहकों के प्रवेश की अनुमति दी जाती है। ग्रोसरी स्टोर में लम्बी कतारें देखने को नहीं मिल रही। इक्के दुक्के लोग ही अंदर जाते या बाहर निकलते दिखाई देते हैं। वहाँ केशियर और ग्राहकों  के बीच प्लास्टिक के परदे लगाए गए हैं। यही हाल पोस्ट ऑफ़िस का है। पोस्ट ऑफ़िस के कर्मचारी प्लास्टिक के परदे के पीछे से बात करते हैं, ग्राहकों के साथ! पोस्ट मैन मास्क पहने घर घर जाकर डाक देने के कार्य में लगे हैं। पोस्ट ऑफ़िस का काम काज कभी नहीं रुकता । ग्रोसरी स्टोर, पोस्ट ऑफ़िस के कर्मचारी अस्पताल कर्मियों की तरह ही आवश्यक सेवा में लगे अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी माने जाते हैं। 

न्यू यॉर्क के पार्कों में एक दूसरे से छह फ़ीट दूर रहने के नियम का सख़्ती से पालन हो रहा है। समुद्र तटों पर, बोर्डवाक या रेत पर धूप सेंकने वालों को 6 फीट की दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। लेकिन लॉस एंजेल्स शहर के समुद्र तटों पर लोगों की भारी भीड़ संक्रमण से बचाव सम्बंधी  नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कर पा रही। पुलिस बल नियम पालन के कठिन काम में जुटा है, लेकिन वायरस है, कि अपनी चपेट में पुलिस वालों को भी ले रहा है। ऐमाज़ॉन के विशाल गोदामों में संक्रमण के मामले सामने आये हैं। टेक्सास प्रदेश में लॉक डाउन खोलने की जल्दी की गयी। वहाँ शराबख़ाने, रेस्तराँ, बाल काटने वाले सैलून और सौंदर्य प्रसाधन दूक़ानें भी खोल दी गयी हैं।

अमेरिका एक अजीब दुविधा की स्थिति में  जी रहा है ।एक तरफ़ तो लोग प्रतिबंधों को समाप्त करने  के लिए राज्य सरकारों पर तरह तरह के दबाव डाल रहे हैं तो दूसरी तरफ़ अनेक राज्यों में संक्रमण की रफ़्तार कम नहीं हो रही । इल्लिनोय प्रदेश  के कुछ विधायकों ने राज्यपाल पर लॉक डाउन लागू के विरोध में मुकदमा कर दिया है, जब कि मिशिगन प्रदेश में प्रतिबंधात्मक आदेशों के  विरूद्ध जन आंदोलन की स्थिति है , जिसका नेतृत्व रिपब्लिकन पार्टी के नेता करना चाहते हैं ।

 राष्ट्रपति निवास 'वाइट हाउस' में तो जैसे रिवाज ही बन  गया था मास्क ना  पहनने का । स्वयं राष्ट्रपति ट्रम्प महामारी विशेषज्ञों  द्वारा सुझाए  गए  अनेक उपायों  को नकारते हुए चेहरा ढकने वाले मास्क तक पहनना नहीं चाहते। लेकिन जब राष्ट्रपति के एक निकट कर्मचारी को ही संक्रमण हो गया तब नियम बदला और सभी कर्मचारी मास्क पहनने लगे-सिर्फ़ राष्ट्रपति को छोड़ कर। 

 इस बीच अमेरिका के अनेक विश्वविद्यालयों में प्रबंधात्मक क़दमों में फेर बदल कर यह पता लगाया जा रहा है कि लॉक डाउन के जल्दी या देर से लागू किए जाने के क्या परिणाम होते! विशेषज्ञों का अनुमान है कि  भले है संक्रमण और मृतकों की संख्या में कमी हो रही है, लेकिन इस रफ़्तार से आगामी 6 जून तक मरने वालों की संख्या एक लाख 13 हज़ार तक पहुँच सकती है। 

 यूनिवर्सिटी ओफ पेंनसिलवानिया के एक शोध परिणाम से निष्कर्ष निकाला गया है कि यदि लॉक डाउन के वर्तमान नियमों का पालन किया जाता रहा तो भी आगामी जुलाई माह तक संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या डेढ़ लाख से ऊपर पहुँच सकती है। लेकिन यदि अमेरिकी लोग मास्क पहनने या छह फ़ीट की दूरी बनाए रखने की आदत छोड़ देंगें तो इस संख्या में कम से कम तीस हज़ार की बढ़ोत्तरी की आशंका हो सकती है। 

इन शोध कर्ताओं ने बताया है कि यदि मार्च महीने में एक सप्ताह पहले ही लॉक डाउन लागू कर दिया गया होता तो 36 हज़ार जानें बच सकती थीं। और यदि। दो हप्ते पूर्व। यानी 1 मार्च से हाई लॉक डाउन। कर दिया। गया होता तो और लोगों को घर बैठने के आदेश दिए गए होते तो 83 प्रतिशत जानें बच सकती थीं|

इन अनुमानों का वैज्ञानिक और तार्किक आधार होने के बावजूद यदि लोग चाहें तो अपना आचरण अनुशासित रख कर संक्रमण या संक्रमण से मौतों की संख्या कम कर सकती हैं। न्यू यॉर्क प्रदेश के राज्यपाल ऐंड्रू कूमो की तत्परता और सक्रियता से ही वहाँ संक्रमण नियंत्रित किया जा सका। उनका साथ दिया आम जनता ने। यही तत्परता राष्ट्रपति ट्रम्प। ने दिखाई होती और लॉक डाउन मार्च के प्रथम सप्ताह में ही लागू कर दिया होता तो हज़ारों लोगों की जानें बच सकती थीं।

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